Category: धर्म

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हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 28 मार्च 2024

सलोक ॥ मन इछा दान करणं सरबत्र आसा पूरनह ॥ खंडणं कलि कलेसह प्रभ सिमरि नानक नह दूरणह ॥१॥ हभि रंग माणहि जिसु संगि तै सिउ लाईऐ नेहु ॥ सो सहु बिंद न विसरउ नानक जिनि सुंदरु रचिआ देहु ॥२॥ पउड़ी ॥ जीउ प्रान तनु धनु दीआ दीने रस भोग ॥ ग्रिह मंदर रथ असु.

आज का पंचांग 28 मार्च 2024: गुरुवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

28 मार्च 2024 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर स्वाती नक्षत्र और हर्षण योग का संयोग रहेगा।

आज का अंक राशिफल 28 मार्च 2024: गुरुवार के दिन क्या होगा आपका लकी नंबर और शुभ रंग

आज 28 मार्च 2024 है और दिन गुरुवार। आज की तारीख के पूरे अंकों (28/03/2024, 2+8+3+2+0+2+4=21) को मिलाकर जोड़ें, तो जो अंक बन रहा है, वह 21 (2+1=3) है,  जिसका जोड़ 3 बनता है।

आज का राशिफल 28 मार्च 2024: इन राशि वालो का दिन रहेगा अच्छा , जानिए अपना आज का राशिफल

 ग्रह गोचर के अनुसार गुरुवार 28 March 2024 को कुछ राशि वालों पर ग्रहों का अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ेगा। आज के दिन चंद्रमा कन्या राशि में मौजूद रहेंगे।

आज का पंचांग 27 मार्च 2024: बुधवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और व्याघात योग का संयोग रहेगा।

आज का अंक राशिफल 27 मार्च 2024: बुधवार के दिन क्या होगा आपका लकी नंबर और शुभ रंग

 आज 27 मार्च 2024 है और दिन बुधवार। आज की तारीख के पूरे अंकों (27/03/2024, 2+7+3+2+0+2+4=20) को मिलाकर जोड़ें, तो जो अंक बन रहा है, वह 20 (2+0=2) है,  जिसका जोड़ 2 बनता है।

आज का राशिफल 27 मार्च 2024: मेष राशि वालो पर होगा गणेश जी की कृपा, जानिए अपना आज का राशिफल

 ग्रह गोचर के अनुसार बुधवार 27 March 2024 को कुछ राशियों पर ग्रहों का अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ेगा। आज चैत्र माह की द्वितीया तिथि है।

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 26 मार्च 2024

गूजरी की वार महला ३ सिकंदर बिराहिम की वार की धुनी गाउणी ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सलोकु मः ३ ॥ इहु जगतु ममता मुआ जीवण की बिधि नाहि ॥ गुर कै भाणै जो चलै तां जीवण पदवी पाहि ॥ ओइ सदा सदा जन जीवते जो हरि चरणी चितु लाहि ॥ नानक नदरी मनि वसै गुरमुखि.

वीरता का उत्सव माना जाता है होला-मोहल्ला, जानिए क्या है इसका महत्व

सिखों के पवित्र धर्मस्थान श्री आनंदपुर साहिब में होली के अगले दिन से लगने वाले मेले को होला-मोहल्ला कहते हैं। सिखों के लिए यह धर्मस्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है। दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने होली के लिए पुलिंग शब्द होला-मोहल्ला का प्रयोग किया। गुरु जी इसके माध्यम से समाज के दुर्बल और.
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