विदेशी बाजारों में तेजी का रुख, सोयाबीन तिलहन, बिनौला में सुधार.. सरसों में गिरावट

नयी दिल्ली: विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में बुधवार को मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद होने के अलावा बाकी सभी तेल-तिलहनों की कीमतों में मजबूती रही। मलेशिया एक्सचेंज तेज चल रहा है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 1.75 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां.

नयी दिल्ली: विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में बुधवार को मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद होने के अलावा बाकी सभी तेल-तिलहनों की कीमतों में मजबूती रही। मलेशिया एक्सचेंज तेज चल रहा है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 1.75 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां तेजी चल रही है। विदेशी बाजारों की इस मजबूती के कारण यहां सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें मजबूत बंद हुईं। कारोबारी सूत्रों ने कहा कि नयी फसल आने के बावजूद सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले मूंगफली के भाव काफी ऊंचा होने की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों (शिकागो) में कल रात सोयाबीन डीगम तेल का भाव 17 डॉलर (लगभग पौने दो प्रतिशत) बढ़ा है। ब्राजील में मौसम की अनिश्चितता की वजह से सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) के दाम भी तीन प्रतिशत मजबूत हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि जिस तरह ‘सॉफ्ट आयल’ (नरम तेल) का आयात कम होने के आसार दिख रहे हैं, इस आशंका को देखते हुए आगे त्योहारों और शादी-विवाह के मौसम में नरम तेलों की समुचित आपूíत की ओर ध्यान देना होगा।

उन्होंने कहा कि वैसे देश के बाजारों में सरसों, मूंगफली और सूरजमुखी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिकना जारी है। इस स्थिति को संभालने की आवशय़कता है, नहीं तो इसके आगे अच्छे परिणाम नहीं मिलने वाले हैं। देश की तेल मिलें, तेल उद्योग, किसानों की परेशानी का हल निकालने की सख्त आवशय़कता है।

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